भारती एयरटेल पर जांच एजेंसियों का शिकंजा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) देश की सबसे बड़ी मोबाइल सेवा कंपनी भारती एयरटेल के खिलाफ विदेशी मुद्रा कानून, फेमा के उल्लंघन की जांच कर रहा है। यह जानकारी वित्त राज्यमत्री नमो नारायण मीणा ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

उन्होंने बताया कि पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी को भी शिकायतें मिली हैं कि भारती एयरटेल में प्रवर्तक समूह की शेयरधारिता 30 जून 2007 से 30 सितंबर 2008 के बीच 60.91 फीसदी से बढ़ाकर 67.15 फीसदी कर ली गई। लेकिन इसके लिए कंपनी ने कोई ओपन ऑफर नहीं पेश किया। इस तरह कंपनी ने सेबी के नियमों का उल्लंघन किया है।

वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि इसके साथ ही केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को पता चला है कि कंपनी ने लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम शुल्क में अनुचित एकाउंटिंग की है। प्रवर्तन निदेशालय ने भी फेमा के कुछ प्रावधानों को तोड़ने के आरोप में भारती एयरटेल के खिलाफ जांच शुरू कर रखी है।

इस बाबत भारती एयरटेल का कहना है कि वह कॉरपोरेट गवर्नेंस के मानकों का पालन करती है। तमाम सरकारी एजेंसियों समेत टेलिकॉम लाइसेंस देनेवाली संस्था, दूरसंचार विभाग (डॉट) के कायदे-कानून मानती है और कंपनी हर जांच में पूरा सहयोग करने को तैयार है।

कमाल की बात यह है कि इस नकारात्मक खबर के बावजूद भारती एयरटेल के शेयर मंगलवार को एनएसई व बीएसई में 1.73 फीसदी बढ़कर क्रमशः 395.85 रुपए और 396.05 रुपए पर बंद हुए।

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