कस्टम व एक्साइज वाले कागज छोड़ वेब की ओर

केंद्रीय उत्‍पाद व सीमा शुल्‍क बोर्ड (सीबीईसी) कागज पर कामकाज को खत्‍म कर वेब आधारित संचार को बढ़ावा देगा। बोर्ड ने इस आशय की एक पर्यावरण रणनीति तैयार की है, जिसे मंगलवार को केंद्रीय वित्‍त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने मंज़ूरी दे दी। इस नीति से देश भर में सीमा शुल्‍क, केंद्रीय उत्‍पाद शुल्क व सेवा कर के अधिकारियों के कामकाज में काफी बदलाव आने की उम्मीद है।

सीबीईसी की पर्यावरण रणनीति के अंतर्गत ‘भारतीय सीमा शुल्‍क का कायाकल्‍प‘ को औपचारिक रूप दिया जा रहा है। इसमें कानूनी, प्रवर्तन व प्रशासनिक जैसे विभिन्‍न उपायों को सम्मिलित किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विभाग के मुख्‍य काम हमारे पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल हों। इसमें बहुपक्षीय पर्यावरणीय समझौतों (बेसल समझौता, कार्टाजेना प्रोटोकॉल, सीआईटीईएस) के साथ-साथ उचित घरेलू कानून (सीमा शुल्‍क अधिनियम 1962, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1988) को लागू करने में सीमा शुल्‍क और उसकी मुख्‍य खुफिया एजेंसी, राजस्‍व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की भूमिका अनिवार्य है।

सीबीईसी की इस रणनीति के तहत पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील वस्‍तुओं के अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार पर निगरानी रखने के लिए अधिकारियों का प्रशिक्षित करेगा। वह पर्यावरणीय उल्‍लंघनों का पता लगाने के लिए डीआरआई, सीमा शुल्‍क (निरोधक) आदि के अधिकारियों को तैयार करेगा। वह पूरा डेटाबेस बनाएगा और प्रासंगिक पर्यावरण जानकारी का प्रसार करेगा। इसके अलावा विकिरण का पता लगाने के लिए सीमावर्ती अधिकारियों को खास किट दी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *