आप मर चुके हैं!
2011-03-06
अगर हर दिन आपके भीतर कोई नया विचार नहीं कौंधता, गुत्थियों से भरे इस संसार में किसी गुत्थी को सुलझाने का हल्का-सा सिरा भी नहीं मिलता तो समझ लीजिए कि आप जीते जी मर चुके हैं।और भीऔर भी
खुशी का स्रोत
2010-10-22
जैसे ही कोई द्वंद्व सुलझता है, खुशी के नए सोते खुल जाते हैं। प्रकृति का यही नियम है। टकराव को, गुत्थी को नहीं सुलझा पाना ही हार जाना है। और, हारा हुआ शख्स कभी खुश नहीं रहता। खुशी तो जीतने से ही मिलती है।और भीऔर भी