पिरामल हेल्थकेयर के जेनरिक दवा व्यवसाय को अमेरिकी कंपनी एब्बॉट द्वारा खरीदे जाने के लगभग एक महीने बाद ही भारतीय दवा उद्योग में एक और बड़ा सौदा होने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज अपना फॉर्मूलेशन बिजनेस बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी फाइजर को 250 करोड़ डॉलर (लगभग 11,560 करोड़ रुपए) में बेचने जा रही है। इसके तहत कंपनी के चेयरमैन व प्रवर्तक के. अंजी रेड्डी की पूरी की पूरी 25.77 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी फाइजर कोऔरऔर भी

हिंदुस्तान यूनिलीवर ने अपने शेयर 280 रुपए के मूल्य पर वापस खरीदने या बायबैक का प्रस्ताव रखा है। कनानिधि मारन ने स्पाइसजेट की 20 फीसदी इक्विटी खरीदने का ओपन ऑफर पेश किया है। इधर न्यूनतम 25 फीसदी पब्लिक होल्डिंग के अनिवार्य नियम के बाद कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने शेयरों को स्टॉक एक्सचेंजों से डीलिस्ट कराने के बारे में सोच रही हैं। आखिर क्या है यह बायबैक, ओपन ऑफर और डीलिस्टिंग? आप इनमें कैसे शिरकत कर सकते हैं?औरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी कंपनियों के अधिग्रहण के लिए ओपन ऑफर की सीमा को न्यूनतम 20 फीसदी के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 25 फीसदी कर सकती है। वह यह फैसला पिछले साल बनाई गई टेकओवर रेगुलेशंस एडवाइजरी कमिटी (टीआरएसी) की सिफारिशों के आधार पर करेगी। साथ ही यह भी संभव है कि ओपन ऑफर लाने की ट्रिगर लिमिट 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दी जाए। सूत्रों के मुताबिक सेबी जल्दी ही अपने टेकओवर कोडऔरऔर भी