लोकतंत्र और बाज़ार में सारा खेल नंबरों का है। बड़ी-बड़ी बातें और भावुक फेंकमबाज़ी फालतू है। कांग्रेस भ्रष्ट। बीजेपी भी खिलाड़ी। दोनों को कर्णाटक में लोगों से वोट दिए। लेकिन 37% पाकर कांग्रेस जीत गई, जबकि बीजेपी व उससे छिटके दोनों दल कुल सूत भर कम वोट पाकर हार गए। बाज़ार में भी सूत भर का अंतर चलता है। डिमांड ज्यादा कि सप्लाई? हां, यहां भाव और मूल्य का अंतर भी अहम है। अभी आज का बाज़ार…औरऔर भी

2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के शासन वाली एनडीए सरकार को भी घसीट लिया है और 2001 से ही जांच कराने की बात की है। इसके बाद लगता है कि राजनीतिक गतिरोध आखिरकार अब खत्म हो जाएगा। घोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की विपक्ष की मांग ठंडी पड़ जाएगी। थोड़ी आस बनने लगी है कि संसद में कामकाज शुरू हो जाएगा और इस मसले पर बहस हो सकेगी। लेकिन बाजारऔरऔर भी

घोटाले में कुछ और कंपनियों का नाम आने और कुछ और कंपनियों के निचले सर्किट ब्रेकर तक चले जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। आज मिडफील्ड इंडस्ट्रीज और कुछ अन्य रिसोर्स कंपनियों के स्टॉक निचले स्रर्किट तक चले गए हैं। मिडफील्ड में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और यह 317.95 रुपए तक पहुंच गया है। वैसे यह चल भी 60 पी/ई के ऊपर रहा था। इस माहौल में आपके लिएऔरऔर भी

शेयर बाजार में आज का दिन एकदम ठंडा रहा क्योंकि ज्यादातर खिलाड़ी इसी में लगे रहे कि रोलओवर में क्या शॉर्ट और क्या लांग करना है, मतलब डेरिवेटिव्स में बिक्री और खरीद के किन सौदों को अगले सेटलमेंट में ले जाना है। कल तक केवल 24,000 करोड़ रुपए के सौदों का रोलओवर हुआ था और अब यह सेटलमेंट खत्म होने में दो दिन ही बचे हैं। मुझे लगता है कि कल जमकर रोलओवर होंगे क्योंकि आखिरी दिनऔरऔर भी

कल और आज कुल मिलाकर महज 10,000 करोड़ रुपए के ही सौदों का रोलओवर हुआ है। ऑपरेटर अपनी पोजिशन आगे ले जाने के मूड में नहीं है। कल निफ्टी में 6100 के ऊपर बहुत से खिलाड़ी टेक्निकल चार्टों से निकले यकीन के आधार पर लांग हो गए, यानी उन्होंने खरीद के सौदे कर लिए। लेकिन इस बार तकनीकी गलती की वजह से बाजार ने उन्हें अपनी राय बदलने को बाध्य कर दिया। इतना तय है कि 6050औरऔर भी

बाजार पर नाहक ही तेजी का सुरूर चढ़ा हुआ है। मेरा सुझाव है कि ट्रेडरों को इस सेटलमेंट में तब तक बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है जब बाजार में करेक्शन नहीं आ जाता। फिलहाल करेक्शन इसलिए नहीं आ रहा क्योंकि ट्रेडर अब भी हर बढ़त पर शॉर्ट हुए जा रहे हैं। इस दौरान अगर शॉर्ट सेल भी होती है तब भी आपको अफरातफरी मचाने की जरूरत नहीं है। बाजार खुद को करेक्शन के बिना सेंसेक्स केऔरऔर भी

मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मंदड़ियों ने पीछे भारी धक्का खाने के बावजूद अभी तक कोई सबक नहीं सीखा है। शॉर्ट सौदे करना उनका शौक बन गया है। टाटा स्टील में पैंट उतर जाने के बाद अब वे एसबीआई पर हाथ आजमा रहे हैं और उन्हें लगता है कि यह शॉर्ट सेल के लिए सबसे अच्छा काउंटर है। उनका साफ-साफ तर्क यह है कि एसबीआई का स्टॉक 2950 रुपए के भाव परऔरऔर भी

नए सेटलमेंट का पहला ही दिन। और, एचसीसी ने सबको चौंका कर रख दिया। अभी एचसीसी में और भी चौंकानेवाली खबरें आनेवाली हैं। सोचिए इस स्टॉक को हमने तब उठाया, जब कहीं इसकी चर्चा ही नहीं थी। अब कंपनी ने अच्छे नतीजों के साथ-साथ एक पर एक बोनस शेयर देने की घोषणा भी कर दी है। वैसे, आपकी उम्मीद यही थम सकती है। लेकिन हमारे लिए यह अगले पांच महीनों तक आकर्षण का केंद्र बना रहेगा क्योंकिऔरऔर भी

बाजार में अगर 170 अंक का करेक्शन आया तो यह कोई दुनिया से अलहदा बात नहीं थी क्योंकि दुनिया के बाजारों में इससे ज्यादा गिरावट आई है। एक बार फिर देखा गया कि बाजार गिरने के अंदेशे में लोग शॉर्ट सौदे करने लगते हैं, बगैर इसकी परवाह किए कि अभी देश में कितनी बढ़त और खरीद की संभावना है। चीन अपना सीआरआर (बैंकों की जमा का वह हिस्सा जो उन्हें देश के केंद्रीय बैंक के पास नकदऔरऔर भी