दिख रहा है एस्सार ऑयल का दम

बाजार में अगर 170 अंक का करेक्शन आया तो यह कोई दुनिया से अलहदा बात नहीं थी क्योंकि दुनिया के बाजारों में इससे ज्यादा गिरावट आई है। एक बार फिर देखा गया कि बाजार गिरने के अंदेशे में लोग शॉर्ट सौदे करने लगते हैं, बगैर इसकी परवाह किए कि अभी देश में कितनी बढ़त और खरीद की संभावना है। चीन अपना सीआरआर (बैंकों की जमा का वह हिस्सा जो उन्हें देश के केंद्रीय बैंक के पास नकद रखना होता है) 10 मई से 50 आधार अंक (0.50 फीसदी) बढ़ा रहा है। यह बात साबित करती है कि एशिया की अर्थव्यवस्था अच्छी चल रही है। भारत यह दर बढ़ा चुका है और आगे भी बढ़ा सकता है। लेकिन यह कदम बाजार को कभी उठने से नहीं रोक सकता। दरें जितनी ज्यादा बढ़ेंगी, बाजार उतना ही उठेगा।

आज पेट्रोलियम तेल से जुड़े शेयरों में जबरदस्त खरीद देखी गई। लेकिन मेटल का मामला कमजोर रहा। इसकी एक वजह तो चीन द्वारा सीआरआर बढ़ाना है क्योंकि यह वहां मेटल की मांग के लिए अच्छी खबर नहीं है। दूसरे, ऑस्ट्रेलिया ने कॉपर के मूल्य में भारी इजाफा कर दिया है जिससे मेटल शेयरों का मार्जिन बंध सकता है। वैसे, यह सब थ्योरी है। हकीकत में दाम बढ़ने से मार्जिन बढ़ जाया करता है। इसे समझना एकदम आसान है। बढ़े दाम तभी चल सकते हैं जब मांग बनी हुई है और मांग तभी बनी रहती है जब अर्थव्यवस्था एकदम भलीचंगी चल रही हो। पूरा चक्र तब चलना बंद कर देता है जब सप्लाई मांग से ज्यादा हो जाती है। और, इसके लिए आपको रिसर्च की जरूरत पड़ती है जो बताती है कि ऐसा कब होने जा रहा है।

हालांकि इस समय काफी शॉर्ट सेलिंग चल रही है। लेकिन बाजार के नीचे जाने के आसार नहीं हैं। बाजार में जिस तरह की चर्चाएं चल रही हैं, उसके हिसाब से रिलायंस इंडस्ट्रीज और आरएनआरएल का झगड़ा अब खत्म होनेवाला है। यह ही कहा जा रहा है कि रिलायंस आरएनआरएल को 110 रुपए प्रति शेयर की दर से अधिग्रहीत (टेकओवर) करने की पेशकश कर सकती है। लेकिन मेरी राय में इतनी जल्दी ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है। लेकिन निश्चित रूप से यह चर्चा शॉर्ट सेलिंग करने वालों को बेचैन कर देगी। निफ्टी के बारे में 5440 का मेरा लक्ष्य जस का तस कायम है। मुझे इसकी परवाह नहीं है कि इस दौरान दुनिया की घटनाओं के चलते छोटे-मोटे करेक्शन आते रहेंगे।

एस्सार ऑयल इस समय की सबसे अच्छी खरीद बन गया है। 150 रुपए के भाव पर 6 लाख से ज्यादा शेयरों का सौदा ही दिखाता है कि इसमें अगले दो सत्रों में अच्छा-खासा पैसा लगनेवाला है। किसी भी सूरत में, लंदन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के बाद यह सबसे अच्छे मूल्य का निवेश बन गया है। एलआईसी ने भी इसमें 140 रुपए के भाव पर खरीद की है। इसलिए इसमें घाटा लगने की कोई आशंका नहीं है। साथ ही यह भी संभव है कि यह साल 2010 का जैकपॉट बन जाए। एसएमई (लघु क्षेत्र की कंपनियां) भी अपने स्वामित्व के स्वरूप के चलते साल 2010 के लिए निवेश का सुनहरा अवलर साबित हो सकता है।

कोई मुंह पर क्या कहता है, इसके बजाय आपकी असली साख का पता इस बात से चलता है कि लोग आपके पीठ पीछे क्या कहते हैं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के वैधानिक लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *