खाद्य मुद्रास्फीति के दहाई अंक में पहुंचने के बीच वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने माना है कि इसकी मुख्य वजह मांग का बढना नहीं है, बल्कि सप्लाई की कमी है। उन्होंने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति में लगातार तेजी की मुख्य वजह खाद्य आपूर्ति की बाधाएं हैं और हमें देखना होगा कि हम इन्हें कैसे दूर सकते हैं। राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को विजया बैंक के 81वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करने के बाद दौरान मुखर्जी नेऔरऔर भी

जब हम जवान होते हैं तो छोटी सी छोटी बात पर मरने पर उतारू हो जाते हैं। बूढ़े होते जाते हैं तो बड़ी सी बड़ी बात होने पर भी जीते रहना चाहते हैं। उम्र इफरात तो कोई भाव नहीं! उम्र कम तो इतना मूल्य!!और भीऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने माना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और अन्य जिंसों की कीमतों में तेजी से देश पर महंगाई का दबाव बढ़ सकता है। मंगलवार को राजधानी दिल्ली में उद्योग संगठन फिक्की की 83वीं सालाना आमसभा को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा, ‘‘दुनिया के बाजार में जिंसों की कीमतों से देश में महंगाई पर दबाव पड़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।’’ उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीयऔरऔर भी

पाकिस्तान ने वाघा-अटारी सड़क-मार्ग से भारत को प्याज के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। उसके इस कदम से प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के भारत सरकार के प्रयासों को झटका लग सकता है। सीमा शुल्क विभाग (अमृतसर) के उपायुक्त आर के दुग्गल ने गुरुवार को बताया, “पाकिस्तान सरकार ने सड़क के रास्ते से भारत को प्याज की आपूर्ति प्रतिबंधित कर दी है।” इस प्रतिबंध के बाद पाकिस्तान के अधिकारियों ने किसी भी ट्रक को प्याजऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का कहना है कि प्याज की कीमतें अब नीचे आने लगी हैं और सरकार की ओर से किए जा रहे उपायों से जल्दी ही स्थिति नियंत्रण में होगी। उल्लेखनीय है कि प्याज के भाव करीब एक हफ्ते से आसमान छू रहे हैं। प्याज का मसला राजनीतिक रूप से इतना संवेदनशील है कि वित्त मंत्री बराबर इस पर सफाई देते फिर रहे हैं। राजधानी दिल्ली में तो श्री मुखर्जी ने बराबर मीडिया को इसऔरऔर भी

आलू, प्याज और दूसरी सब्जियों की आपूर्ति में सुधार से 23 अक्तूबर को समाप्त सप्ताह में थोक मूल्य पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति की दर करीब फीसदी नीचे खिसककर 12.85 फीसदी रह गई। यह लगातार तीसरा सप्ताह है जब खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट का रुख रहा है। एक सप्ताह पहले यह 13.75 फीसदी दर्ज की गई थी। बुधवार को जारी सरकारी आंकडों के अनुसार सालाना आधार पर आलू के दाम 51.22 फीसदी तक नीचे आ गए जबकि सब्जियोंऔरऔर भी