हम वर्तमान की जमीन पर खड़े होकर, उसी के फ्रेम में रहकर भविष्य का अनुमान लगाते हैं। भविष्य में यह फ्रेम खुद कैसे बदल जाएगा, इसका पता नहीं रहता। इसीलिए बड़े-बड़े विशेषज्ञों तक की भविष्यवाणियां बाद में हास्यास्पद साबित हो जाती हैं।और भीऔर भी

चालू सीजन के दौरान सामान्य से कम मानसून के अनुमान पर आशंकाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि ये अनुमान केवल एक आभास भर हैं। मुखर्जी ने बुधवार को मानसून से जुड़े सवाल पर संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमें कुछ समय और इंतजार करना चाहिए।’’ भारतीय मौसम विभाग ने कल कहा था कि मानसून दीर्घकालिक अवधि के औसत का 95 फीसदी रहने की संभावना है जो सामान्य से कम है। सामान्य सेऔरऔर भी

कपड़ा मंत्रालय ने 2010-11 में देश का कपास उत्पादन अनुमान और घटाकर 3.05 करोड़ गांठ कर दिया है। मंत्रालय ने दिसंबर 2010 में हुई बेमौसम बारिश के मद्देनजर यह कदम उठाया है जिसके कारण मंडियों में आवक कम रही थी। इससे कपास के दाम में और लगने के आसार हैं। सरकारी निकाय कपास परामर्शक बोर्ड (सीएबी) ने सत्र अक्तूबर-सितंबर 2010-011 की शुरआत में 3.29 करोड़ गांठ उत्पादन का अनुमान लगाया था। अप्रैल में इसे घटाकर 3.12 करोड़औरऔर भी

विश्व बैंक ने चीन की आर्थिक वृद्धि दर इस साल 9.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है जबकि पहले इसके 8.7 फीसदी रहने की बात कही गई थी। विश्व बैंक ने बीते नवंबर में जारी तिमाही रिपोर्ट में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2011 में 8.7 फीसदी रहने अनुमान जताया था। लेकिन नई रिपोर्ट में साम्यवादी देश की आर्थिक वृद्धि 9.3 फीसदी रहने की बात कही गई है। चीन की अर्थव्यवस्था के नियमित आकलन में विश्व बैंकऔरऔर भी

कल सुबह शुक्रवार, 15 अप्रैल को बाजार खुलने से पहले इनफोसिस टेक्नोलॉजीज के चौथी तिमाही के साथ-साथ वित्त वर्ष 2010-11 के नतीजे आ चुके होंगे। तीन तिमाहियों के नतीजे सामने हैं तो चौथी तिमाही का रहस्य खुलने का इंतजार पूरे बाजार को है। उम्मीद का जा रही है कि नतीजे सकारात्मक रूप से चौंकानेवाले होंगे। कुछ इसी उम्मीद में पिछले तीन कारोबारी सत्रों में इनफोसिस का शेयर 2.45 फीसदी बढ़ चुका है। 8 अप्रैल को इसका बंदऔरऔर भी

केंद्र सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए प्रस्तावित अपने कुल बाजार उधारी का लगभग 60 फीसदी हिस्सा पहली छमाही में ही जुटाएगी। इस तरह सरकार अप्रैल से सितंबर 2011 के बीच कुल 2.5 लाख करोड़ रुपए के बांड जारी कर सकती है। वित्त मंत्रालय में आर्थिक विभाग के सचिव आर गोपालन ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में यह जानकारी दी। बता दें कि केंद्र सरकार ने 2011-12 के बजट में बाजार से कुलऔरऔर भी

एक तरफ विपक्ष विदेश में रखे एक-सवा लाख करोड़ रुपए के कालेधन पर हल्ला मचा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ देश के भीतर करीब ढाई लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के आयकर की वसूली नहीं हो पाई है। यह किसी और नहीं, खुद सरकार की तरफ से बताया गया है। संसद में सरकार की तरफ दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार चालू वित्त 2010-11 की शुरुआत में एक अप्रैल 2010 तक देश में कुल बकाया आयकर कीऔरऔर भी

कल अचानक जिस तरह की कयासबाज़ी बढ़ गई थी कि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की तीसरी त्रैमासिक समीक्षा में ब्याज दरें 0.50 फीसदी बढ़ा सकता है, वह आज मंगलवार को पूरी तरह हवाई निकली। रिजर्व बैंक ने उम्मीद के मुताबिक रेपो और रिवर्स रेपो दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि कर दी है। अब तत्काल प्रभाव से रेपो दर 6.25 फीसदी से बढ़कर 6.5 फीसदी और रिवर्स रेपो दर 5.25 फीसदी से बढ़कर 5.50 फीसदी हो गईऔरऔर भी

देश की अर्थव्यवस्था इस साल पिछले तीन सालों की सबसे ज्यादा 9 फीसदी विकास दर हासिल कर सकती है, लेकिन मुद्रास्फीति की दर साल के अंत में रिजर्व बैंक के अनुमान से काफी ज्यादा रहेगी। यही नहीं, खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति तो 19.95 फीसदी पर पहुंच सकती है। वित्त मंत्रालय ने यह अनुमान अर्थव्यवस्था के छमाही विश्लेषण में पेश किया है। मंगलवार को यह विश्लेषण रिपोर्ट वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने संसद के दोनों सदनों में पेशऔरऔर भी

अगर किसी को भारतीय अर्थव्यवस्था की सही दशा-दिशा पर शक हो तो उसे अब प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने दूर कर दिया है। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन की अध्यक्षता वाली इस परिषद ने ‘इकनोमिक आउटलुक 2010-11’ नाम से जारी लगभग नब्बे पेज की रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था के एक-एक पहलू का विवेचन किया है। उसका खास आकलन है कि इस वित्त वर्ष 2010-11 में कृषि की विकास दर 4.5 फीसदी रहेगी, जबकि बीते वित्तऔरऔर भी