जिस तरह हर तरह के बिजनेस या व्यापार की लागत होती है, उसी तरह शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करने की भी स्पष्ट लागत है जिससे कोई बच नहीं सकता। स्थाई लागत तो हर कोई जानता है जिसमें कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल फोन, वाई-फाई या इंटरनेट कनेक्शन, घर-ऑफिस, ब्रोकरेज़ और एसटीटी वगैरह का खर्च शामिल है। लेकिन इसके अलावा पूंजी की लागत से अक्सर लोग आंख मूंद लेते हैं। इसमें एक है मुद्रास्फीति और दूसरी खास लागत है स्टॉप-लॉस। स्टॉप-लॉस की मार हर ट्रेडर को झेलनी पड़ती है, चाहे वह बाज़ार का कितना भी अनुभवी और बड़ा उस्ताद क्यों न हो। यह शेयरों की ट्रेडिंग के बिजनेस की अपरिहार्य लागत है। हां, अपनी ट्रेडिंग पूंजी को सुरक्षित रखते हुए स्टॉप-लॉस को कम से कम करने की हरसंभव कोशिश की जानी चाहिए। अब शुक्रवार का अभ्यास…
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