ट्रेडिंग विशुद्ध कयासबाज़ी या कुछ और!

कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग एकदम फालतू कयासबाज़ी पर टिकी है। इसलिए इसमें किसी रिटेल ट्रेडर को उतरना ही नहीं चाहिए। एचएनआई या संस्थाएं करें तो करें क्योंकि उनके साथ पर्याप्त संसाधन और भरपूर रिस्क लेने की क्षमता होती है। इसमें किसी सलाह का कोई मतलब ही नहीं होता। आखिर बढ़ते हुए बाज़ार में तो हर किसी का धुप्पल लग जाता है। उनकी बात काफी हद तक सही भी है। इसलिए हमें एक के आसपास के बीटा वाले शेयर चुनने चाहिए जो निफ्टी या सेंसेक्स की लयताल में चलते हैं। बीटा निफ्टी या सेंसेक्स जैसे मुख्य सूचकांक से किसी स्टॉक की चाल का को-रिलेशन होता हैं। बीएसई व एनएसई को हर स्टॉक के भावों के साथ उसका बीटा भी देना चाहिए। जिस स्टॉक का बीटा एक के आसपास है, उसी में ट्रेड करना चाहिए। इसीलिए कहां जाता है कि उन्हीं स्टॉक्स में ट्रेड करें जो किसी न किसी सूचकांक में शामिल हैं। जिनमें कोई चाल ही नहीं, उन स्टॉक्स को ट्रेड करने के लिए क्यों चुनना! अब मंगलवार की दृष्टि…

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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं। इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
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