स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया का नारा सुनने में सबको बहुत अच्छा लगा था। लेकिन जब इन नए उद्यमों में बाज़ार की शक्तियों के बजाय सरकारी आश्रय का खेल चलने लगा तो बहुतेरे स्टार्ट-अप्स के शटर गिरने लगे। पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा 3484 स्टार्ट-अप साल 2018 में बंद हुए। साल 2021 में एक बार फिर इन उद्यमों में उत्साह दिखा। उस दौरान बंद होनेवाले स्टार्ट-अप्स की संख्या घटकर 1012 पर आ गई। लेकिन अगले ही साल कोरोना के खत्म होने के बावजूद इसके दोगुने 2404 स्टार्ट-अप बंद हो गए। पूरे गुजरे साल स्टार्ट-अप का परिवेश अनिश्चितता व अस्थिरता से भरा रहा। इस साल भी हालात बेहतर होते नहीं दिख रहे। वेंचर कैपिटल फंडों और एंजेल निवेशकों ने हाथ खींच रखे हैं। अब मंगलवार की दृष्टि…
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