मन में कोई ख्याल तभी आता है जब बाहर के संसार में उसकी जरूरत बन रही होती है। ख्याल को हकीकत बनाने में सिर्फ हमारा नहीं, बाहरी संसार का भी हित है तो वह सहयोग भी करता है। भले ही हमें न दिखे।
2010-06-15
मन में कोई ख्याल तभी आता है जब बाहर के संसार में उसकी जरूरत बन रही होती है। ख्याल को हकीकत बनाने में सिर्फ हमारा नहीं, बाहरी संसार का भी हित है तो वह सहयोग भी करता है। भले ही हमें न दिखे।
© 2010-2020 Arthkaam ... {Disclaimer} ... क्योंकि जानकारी ही पैसा है! ... Spreading Financial Freedom