इस समय महालक्ष्मी खुलकर चंचला नहीं हो पा रही हैं। अर्थव्यवस्था में धन का प्रवाह रुकने लगा है। परेशान होकर सरकार तक को रिजर्व बैंक से कहना पड़ा कि एनबीएफसी को नकदी संकट में न फंसने दे। यह संकट आईएल एंड एफएस के डिफॉल्ट से उभरा और अभी तक मिटा नहीं है। सरकार और रिजर्व बैंक संयुक्त प्रयासों से इसे हल नहीं कर सके तो सारा वित्तीय बाज़ार बैठ सकता है। अब दीपावली से पहले की दृष्टि…
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