ट्रेडिंग का मकसद शेयरों के तात्कालिक उतार-चढ़ाव से कम समय में मुनाफा कमाना होता है। इसलिए उसमें हमेशा लक्ष्य बनाकर चलना होता है। लेकिन निवेश का मकसद विजय अभियान पर निकली कंपनियों की सवारी करना है। शिनाख्त सही निकली तो ऐसी कंपनियों के शेयर दोगुने से दोगुने होते चले जाते हैं और निवेश करते वक्त बनाया गया लक्ष्य बार-बार फतेह होता रहता है। इसलिए निवेश में लक्ष्य पर पहुंचते ही निकल जाने में समझदारी नहीं है। कंपनी का धंधा चौकस चल रहा हो तो उसमें तब तक बने रहना चाहिए, जब तक हमें खास ज़रूरत नहीं आन पड़ती। कमज़ोर कंपनी से समय रहते निकल जाना चाहिए जबकि विजय के रथ पर सवार कंपनी में बने रहना चाहिए। अब तथास्तु में एक संभावनामय कंपनी…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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