भारतीय शेयर बाज़ार जिस तरह झांकी पर चल रहा है, उसी तरह भारतीय अर्थव्यवस्था भी झांकी पर चल रही है। कहने को हमारा जीडीपी बीते वित्त वर्ष 2021-22 में 8.7% बढ़ा है। लेकिन हकीकत में देखें तो यह 2020-21 नहीं, बल्कि उससे भी एक साल पहले 2019-20 से मात्र 1.5% ज्यादा है। 2019-20 में हमारा जीडीपी 1,45,15,958 करोड़ रुपए था, जबकि 2021-22 के ताज़ा अनुमान के मुताबिक 1,47,35,515 करोड़ रुपए है। फिर भी तीन साल बाद 2024-25 में इसे 5 ट्रिलियन डॉलर (390 लाख करोड़ रुपए) की अर्थव्यवस्था बनाने का डंका बजाया जा रहा है। इसके लिए हमारी अर्थव्यवस्था को हर साल 38.44% की चक्रवृद्धि दर से बढ़ना होगा जो पूरी तरह असंभव है। शायद यही हवाबाज़ी देख एफपीआई भागे जा रहे हैं। अब शुक्रवार का अभ्यास…
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