ट्रेडिंग के लिए कौन-से स्टॉक्स चुनें, इसका फैसला हमेशा मुख्य सूचकांकों में से किया जाना चाहिए। निफ्टी-50 नहीं तो नेक्स्ट-50 पर नज़र डालें। इसी तरह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों से होते हुए अलग-अलग उद्योग व सेवा क्षेत्र के सूचकांकों तक उतर जाएं। इनमें से भी सही स्टॉक्स न मिलें तो निफ्टी-50 एल्फा तक चले जाएं। हालांकि, इस वक्त सबसे बड़ी दिक्कत है बाज़ार में चल रही भारी सट्टेबाज़ी, जिसके केंद्र में हैं रिटेल ट्रेडर। बीते डेढ़-दो साल में वे भारी संख्या में बाज़ार में उतरे हैं। ब्रोकरेज़ फर्मो के पास जिन्होंने नए खाते खोले हैं, उनमें से 40% की उम्र 30 साल से कम है। ये लोग बिना सोचे-समझे स्टॉक्स को हर डुबकी पर खरीदे जा रहे हैं तो बाज़ार की कोई थाह नहीं लग रही। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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