अपने ही सुख के बारे में सोचते-सोचते हम अक्सर दुख से दबे रहते हैं। फॉर्मूला याद नहीं रखते कि “दुख तुम्हें क्या तोड़ेगा, तुम दुख को तोड़ दो। बस अपनी आंखें औरों के सपनों से जोड़ दो।” देश में इस वक्त 80% लोग बमुश्किल गुजर-बसर कर पाते हैं जबकि नेता-अभिनेता, क्रिकेटर, दलाल, ठेकेदार व धंधेबाज़ों से मिलकर बनी 5% आबादी का कैश-फ्लो इतना है कि उन्हें बचाने की ज़रूरत नहीं। बाकी बचे 15% लोग ही अपनी बचत को सही तरीके से लगाने को लेकर हैरान-परेशान रहते हैं। उनके लिए सीधा सूत्र यह है कि बारह महीने की ज़रूरत भर का धन बैंक खाते में रखने के बाद जितना धन बचे, उसका 20% सोने और 80% इक्विटी (अच्छी कंपनियों के शेयर या म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम) में लगा दें। इसी सूत्र को आगे बढ़ाते हुए ‘तथास्तु’ में आज की कंपनी…
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