केंद्र सरकार ने नई व्यवस्था यह की है कि अब ब्याज दरों का फैसला रिजर्व बैंक के गवर्नर नहीं, बल्कि छह सदस्यों की समिति करेगी जिसमें तीन सदस्य रिजर्व बैंक और तीन सरकार द्वारा मनोनीत अधिकारी होंगे। साथ ही सरकार ने अगले पांच साल के लिए मुद्रास्फीति को 4% तक बांधे रखने का लक्ष्य किया है। जाहिर है कि मुद्रास्फीति कम रखने के लिए ब्याज दर बढ़ाने की कसरत की जाती रहेगी। अब करें शुक्रवार का अभ्यास…
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