दुनिया भर का वित्तीय प्रवाह जहां से चलता है, उस अमेरिका ने ब्याज दर बढ़ा दी तो बाकी देशों में भी यह सिलसिला शुरू हो गया है। इसके अगले ही दिन ब्रिटेन के केंद्रीय बैंक, बैंक ऑफ इंग्लैंड ने ब्याज दर बढ़ा दी। हांगकाग ने भी ब्याज दर बढ़ा दी। दरअसल, दुनिया का हर प्रमुख देश ऐसा करेगा। नहीं तो वहां का धन निकलकर अमेरिका की तरफ भागेगा। अपने यहां भारत में रिजर्व बैंक ने 22 मई 2020 से रेपो दर (ब्याज दर जिस पर रिजर्व बैंक बैंकों को उधार देता है) को 4% पर जस का तस रखा हुआ है। फरवरी में अपने यहां रिटेल मुद्रास्फीति 6.07% और थोक मुद्रास्फीति 13.11% पर पहुंच चुकी है। पूरी संभावना इस बात की है कि रिजर्व बैंक 6-8 अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दर बढ़ा देगा। अब सोमवार का व्योम…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...