शेयर बाज़ार लिस्टिंग कंपनियों के उठते-गिरते भावों का ही खेल है। यहां आधे से ज्यादा सौदे तो सटोरियों के होते हैं, जिनका सचमुच खरीदने-बेचने से कोई वास्ता नहीं होता। वे तो बस भाव बोलते हैं और दिन के दिन में भावों का अंतर काटकर निकल जाते हैं। मसलन, शुक्रवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज़ में डिलीवरी वाले सौदे 45.44%, विप्रो में 42.19%, टाइटन में 46.67% और भारती एयरटेल में 33.59% ही थे। वैसे, डिलीवरी वाले सौदों का आधे से ज्यादा हो जाना दिखाता है कि उनमें इस वक्त गंभीर खरीद चल रही है। जैसे, शुक्रवार को एचडीएफसी में ऐसे सौदे 72.52% और इन्फोसिस में 63.16% रहे हैं। कोई बेच रहा है तो दूसरा उसे लपककर खरीद रहा है। इसी लेनदेन का मंच है शेयर बाज़ार। भावों की लयताल देखें ज़रूर, मगर दिल पर कभी न लें। अब सोमवार का व्योम…
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