अंश और संपूर्ण

विश्लेषण के लिए अंश को अलग देखना सही है। लेकिन हर अंश संपूर्ण के साथ इस कदर गुथा हुआ है कि उसे छोड़ देने पर अर्थ का अनर्थ हो जाता है। पेट में गया भोजन ऊर्जा बनता है, जबकि थाली में रखा व्यंजन कुछ घंटों बाद सड़ने लगता है।

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