ज़िंदगी तो इतनी जाहिल और जिद्दी है कि बजबजाते नाले में भी पनप जाती है। लेकिन उसके दम पर खिले किसी भी अंबानी, बच्चन या पवार की मूल खुराक गंदगी है। वे ऊपर से कितने भी खूबसूरत दिखें, मगर अंदर भयंकर सडांध भरे रहते हैं।
2012-05-16
ज़िंदगी तो इतनी जाहिल और जिद्दी है कि बजबजाते नाले में भी पनप जाती है। लेकिन उसके दम पर खिले किसी भी अंबानी, बच्चन या पवार की मूल खुराक गंदगी है। वे ऊपर से कितने भी खूबसूरत दिखें, मगर अंदर भयंकर सडांध भरे रहते हैं।
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