सरकार का ही दम, अर्थव्यवस्था है बेदम

सरकार पिछले कई सालों से अपने बूस्टर डोज़ से अर्थव्यवस्था से चलाए जा रही है, जबकि उद्योग, कॉरपोरेट और हाउसहोल्ड या आम लोगों की खपत व निवेश में ठंडक दिखाई दे रही है। हकीकत यह है कि अर्थव्यवस्था में उद्योग के निवेश और आम लोगों की खपत का योगदान 83% है। वहीं, केंद्र व राज्य सरकारों का योगदान बमुश्किल 17% है। ऐसे में पूंजीगत व्यय और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च का कितना भी हल्ला सरकार मचा ले, वो समूची अर्थव्यवस्था में स्थाई जान नहीं डाल सकती। दुनिया के 18 देशों में काम कर रही आर्थिक विशेषज्ञों व विश्लेषकों की शीर्ष संस्था सीईआईसी के मुताबिक भारत में निवेश की दर जून 2023 में नॉमिनल जीडीपी की 30.6% थी। यह जून 2020 में 21.2% के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई थी, जबकि इसका उच्चतम स्तर सितंबर 2011 में 41.2% का रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था को 7% की औसत सालाना दर से भी बढ़ना है तो निवेश की दर को बढ़ाकर नॉमिनल जीडीपी के कम से कम 35% तक लाना होगा। ऐसा केवल सरकार के दम पर नहीं हो सकता। इसके लिए छोटे-बड़े सभी उद्योगों के साथ कॉरपोरेट क्षेत्र और हाउसहोल्ड क्षेत्र की सक्रियता बढ़ानी होगी। ग्रामीण इलाकों में खपत बढ़ानी होगी। देश की 81.35 करोड़ आबादी को पांच किलो मुफ्त अनाज पर निर्भर बनाकर विकास दर नहीं बढ़ाई जा सकती। अब शुक्रवार का अभ्यास…

यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं। इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...

Existing Users Log In
   
New User Registration
Please indicate that you agree to the Terms of Service *
captcha
*Required field