जिन्हें भावों को पढ़ना आ गया, उनके पैटर्न को समझना आ गया, समझ लीजिए कि उन्होंने शेयर बाज़ार की आधी बाज़ी जीत ली। जिन्होंने भावों और उनके पैटर्न के पीछे सक्रिय साफ-साफ न दिखनेवाले इंसानों या उनके समूहों की शिनाख्त कर ली, समझ लीजिए कि समूचा बाज़ार उनकी मुठ्ठी में आ गया। क्या हमारे-आप जैसे रिटेल ट्रेडर पहले आधी बाज़ी जीतने और फिर बाज़ार पर पूरा अख्तियार हासिल करने की स्थिति में आ सकते हैं? यकीनन। बस सारे पूर्वाग्रहों व सारी मान्यताओं से मुक्त होकर जो जैसा है, उसे वैसा देखने की दृष्टि विकसित करनी पड़ती है। इसके लिए निरतंर अभ्यास ज़रूरी है। अब बुधवार की बुद्धि…
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