28 फरवरी 2013 तक देश में कुल डीमैट खातों की संख्या 2,09,19,851 हो गई है। इनमें से 1,26,32,085 खाते एनएसडीएल के पास हैं और 82,87,766 खाते सीडीएसएल के पास। माना जाता है कि 2.09 करोड़ डीमैट खातों में से अधिकतम नौ लाख खाते एचएनआई, एफआईआई, डीआईआई व ब्रोकरों जैसे बड़े निवेशकों के हो सकते हैं। बाकी दो करोड़ खाते रिटेल निवेशकों के हैं। 1992 में हर्षद मेहता कांड के फूटने से पहले देश में रिटेल निवेशकों की संख्या इससे थोड़ी ज्यादा, ढाई करोड़ के आसपास थी।
2013-03-10