एनटीपीसी कानपुर के पास लगाएगी 6600 करोड़ रुपए का बिजली संयंत्र

सरकारी कंपनी एनटीपीसी उत्तर प्रदेश में कानपुर के पास बिल्हौर में कोयला आधारित बिजली परियोजना लगाएगी। केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के चुनाव-क्षेत्र में पड़नेवाली इस परियोजना की अनुमानित लागत 6600 करोड़ रुपए है। इस पर जनवरी 2012 से काम शुरू हो जाने की उम्मीद है।

कंपनी सूत्रों के मुताबिक इस ताप बिजली परियोजना की क्षमता 3120 मेगावॉट होगी। इस पर अगले साल जनवरी के पहले हफ्ते से काम शुरू हो जाएगा। हालांकि संयंत्र को कोयला आपूर्ति के बारे में अभी तक केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) से विस्तृत अनुमति नहीं मिली है। लेकिन कोयला मंत्री के अपने चुनावी हलके में होने के चलते कंपनी को इसमें कोई अड़चन नहीं आएगी।

फिलहाल कंपनी परियोजना की जमीन और पानी की उपलब्धता को लेकर दिसंबर 2010 में ही सहमति-पत्र (एमओयू) पर दस्तखत कर चुकी है। लेकिन इसे अभी तक पर्यावरण व वन मंत्रालय की आवश्यक मंजूरी नहीं मिली है। यह जरूरी इसलिए है क्योंकि कोयले को बतौर ईंधन इस्तेमाल करने के कारण इसके प्रदूषण-स्तर को नियंत्रित रखना पड़ेगा।

बता दें कि एनटीपीसी की कुल बिजली उत्पादन क्षमता अभी 34,000 मेगावॉट है। साल 2017 तक उसकी योजना इसे बढ़ाकर 75,000 मेगावॉट कर देना है। उसने हाल ही में छत्तीसगढ़ के सीपत में पहली सुपर-क्रिटिकल बिजली परियोजना शुरू की है। इस परियोजना के पहले चरण में 660 मेगावॉट की तीन इकाइयां और दूसरे चरण में 500 मेगावॉट की दो इकाइयां लगाई गई हैं। इस तरह कुल मिलाकर 2980 मेगावॉट की यह परियोजना शुरू हो चुकी है। इससे छत्तीसगढ़ के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, दमन दीव और दादरा नगर हवेली को बिजली दी जाएगी।

इसके अलावा कंपनी कुल 15,740 मेगावॉट की 15 परियोजनाओं के लिए कंस्ट्रक्शन का काम शुरू कर चुकी है। असल में एनटीपीसी 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के लिए पहले से तय कार्यक्रम के अलावा भी कई नई परियोजनाओं पर काम कर रही है जो योजना से लेकर मंजूरी व अनुमोदन के विभिन्न चरणों में हैं।

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