सामान्य हालात में स्वस्थ अर्थव्यवस्था के बीच लोग काम करते, बचाते और पाई-पाई जोड़कर दौलत बनाते हैं। लेकिन आज की अर्थव्यवस्था अलग है खासकर दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था, अमेरिका। वो उधार पर बढ़ी जा रही है, न कि बचत की बदौलत। वहां दौलत नहीं, ऋण का बोझ बनाया जा रहा है। 1980 से लेकर अब तक अमेरिका में असल दम के ऊपर 50 लाख करोड़ डॉलर का ऋण चढ़ाया जा चुका है। अब मंगल की दृष्टि…
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