शेयर बाज़ार हमें ट्रेडिंग और निवेश से कमाने का मौका ही नहीं देता, वो हमें देश की अर्थव्यवस्था के अंग-अंग के साथ ही दुनिया की अर्थव्यवस्था और वित्तीय जगत को भी जानने-समझने को उकसाता है क्योंकि हम देश-दुनिया के आर्थिक व वित्तीय हालात को जितनी अच्छी तरह से जानेंगे, शेयर बाज़ार से जुड़े हमारे फैसले उतने ही सटीक हो सकते हैं। हमें जानना चाहिए कि मौसम विभाग ने इस बार मानसून में 4% कम बारिश की आशंका जताई है। हमारी कृषि सिंचाई के लिए मानसून पर बहुत ज्यादा निर्भर है। रिटेल मुद्रास्फीति में लगभग आधा योगदान खाद्य वस्तुओं की कीमतों का है तो खराब मानसून से वो बढ़ सकती है। ऊपर से अल-निनो का खतरा तो मंडरा ही रहा है जिसने अभी से देश में गरमी की मार के बीच तापमान को आसमान पर पहुंचा दिया है। शेयर बाज़ार इन चीजों से मशरूफ नहीं रह सकता। अब शुक्रवार का अभ्यास…
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