सभी वित्तीय बाज़ार आपस में जुड़े हैं और एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। इसलिए शेयर बाज़ार का ट्रेडर खुद को शेयर बाज़ार तक सीमित रखे तो शेयरों की गति का सबब नहीं जान सकता। मसलन, इस समय बॉन्ड के भाव घट रहे है तो उन पर यील्ड बढ़े जा रही है। नतीजतन, ब्याज दर बढ़ सकती है तो धन का प्रवाह घटने के भय से शेयर बाज़ार दबाव में है। कल तुर्की की मुद्रा लीरा केंद्रीय बैंक के गवर्नर को बर्खास्त किए जाने के बाद 14% लुढ़क गई तो इसका असर शेयर बाज़ार पर भी पड़ा। अब मंगलवार की दृष्टि…
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