गिरते चाकू को पकड़ने की कोशिश न करें। नहीं तो हाथ कट जाएगा। लगातार गिरते शेयर बाज़ार में किसी दिन 8-10 कंपनियां ही 52 हफ्ते के उच्चतम स्तर पर होती हैं, जबकि 500-600 कंपनियां 52 हफ्ते के न्यूनतम स्तर पर होती हैं। तलहटी तक गिरी कंपनियों को देखकर सहज लालच होता है कि इनके शेयर खरीद लें तो दो-चार साल में अच्छा फायदा हो सकता है, खासकर तब इस लिस्ट में आरती ड्रग्स, ऑलकार्गो, एस्ट्रल, बालाजी अमीन्स, बैंक ऑफ बड़ौदा, कोल इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन, गुजरात गैस, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, कजारिया सिरामिक्स, एलआईसी इंडिया, ओला इलेक्ट्रिक, पीवीआर आयनॉक्स, रिलैक्सो, टाटा केमिकल्स, टीवी टुडे और ज़ुआरी इंडस्ट्रीज़ जैसे नामी कंपनियां शामिल हों। लेकिन इनमें फंसना एक ट्रैप भी हो सकता है। निवेश करने के पहले हमें दस बार सोचना-समझना होता है कि कंपनी के शेयर गिरे हैं तो क्यों गिरे हैं? दूसरे, आज के अनिश्चितता भरे दौर में आठ-दस साल में कंपनी के भावी धंधे का अनुमान बेहद मुश्किल है। इसलिए दो-तीन साल का हिसाब लगाकर ही निवेश करना चाहिए। अब तथास्तु में पेश है आज की कंपनी…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...