ब्रोकर, सब-ब्रोकर या जॉबर ट्रेडिंग करते हैं क्योंकि यही उनका पेशा है। बैंकों या वित्तीय संस्थाओं के ट्रेजरी विभाग के लोग ट्रेडिंग करते हैं क्योंकि यही उनकी नौकरी है। लेकिन जब सामान्य नौकरी करनेवाले ट्रेडिंग के फेर में पड़ते हैं तो अक्सर डूब जाते हैं। असल में नौकरी की हर महीने बंधी तनख्वाह की मानसिकता से ट्रेडिंग नहीं की जा सकती। ट्रेडिंग में कभी जमकर कमाई तो कभी महीनों तक सूखा रहता है। अब बुधवार की बुद्धि…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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