टैक्स दिया जमकर, उसी को राहत नहीं

बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री बड़ी खुश होंगी क्योंकि सरकार के खजाने में जमकर टैक्स आ रहा है। असल में यह नौ साल से चल रही इस सरकार की इकलौती सबसे बड़ी कामयाबी है। बाकी सब महज झांकी है, दिखावा है। 10 जनवरी तक रिफंड को घटाकर सरकार के पास 14.7 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष टैक्स आ चुका था। यह साल भर पहले से 19.41% ज्यादा है और पूरे चालू वित्त वर्ष के लक्ष्य का लगभग 80.61% है। रिफंड को जोड़ दें तो सरकार के पास 17.18 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष टैक्स आ चुका है। इसमें आम लोगों द्वारा दिया गया इनकम टैक्स 26.11% बढ़ा है, जबकि कॉरपोरेट टैक्स संग्रह 8.32% ही बढ़ा है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 31 मार्च 2014 तक सरकार का शुद्ध प्रत्यक्ष टैक्स संग्रह लक्ष्य से ज्यादा नहीं तो कम से कम एक लाख करोड़ रुपए अधिक रहेगा। 31 दिसंबर 2023 तक इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करनेवालों की संख्या 8.2 करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है। इनसे इतर हर खासो-आम से लिया जा रहा जीएसटी भी बजट के लक्ष्य को पार करने जा रहा है। ऊपर से रिजर्व बैंक से लेकर सरकारी कंपनियों के सरप्लस व लाभांश के रूप में सरकार का नॉन-टैक्स राजस्व भी जमकर बढ़ने जा रहा है। फिर भी सरकार हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर लग रहे 18% जीएसटी को घटाने जैसी राहत देने को तैयार नहीं दिखती। अब मंगलवार की दृष्टि…

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