उ.प्र. में भूमि अधिग्रहण की नई नीति घोषित

उत्तर प्रदेश में जमीन अधिग्रहण को लेकर उठे विवाद और दबाव के बीच मुख्यमंत्री मायावती ने किसानों की एक पंचायत बुलाकर उनसे बातचीत करने के बाद नई भूमि अधिग्रहण नीति की घोषणा की है। इसमें अब निजी कंपनियां परियोजनाओं के लिए किसानों से सीधी बातचीत करके भूमि खरीदेंगी। इसमें अब शासन व प्रशासन की भूमिका सिर्फ मध्यस्थ या फैसिलिटेटर की ही होगी।

किसान पंचायत में आए प्रतिनिधियों से सीधा संवाद कर समस्याएं सुनने के बाद मुख्यमंत्री मायावती ने गुरुवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए किसानों के सुझाव को अमल में लाते हुए प्रदेश सरकार ने भूमि अधिग्रहण की एक किसान हितैषी नई नीति की घोषणा की है और नई अधिग्रहण नीति तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दी गई।

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने लखनऊ में प्रदेश की नई भूमि अधिग्रहण नीति की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी सरकार सभी प्रकार के भूमि अधिग्रहण के मामलों में करार नियमावली का पालन करेगी और राज्य सरकार की नीति केन्द्र सरकार की प्रस्तावित नीति से कई गुना ज्यादा बेहतर व किसान हितैषी साबित होगी।

उन्होंने केन्द्र सरकार से राज्य सरकार की तर्ज पर भूमि अधिग्रहण की नीति पूरे देश के लिए लागू करने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने भूमि अधिग्रहण की नयी नीति का विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार द्वारा घोषित इस नीति को तीन हिस्सों में बांटा गया है, जिसमें प्रदेश के विकास के लिए बड़ी निजी कंपनियों द्वारा स्थापित की जानी वाली विद्युत परियोजनाओं व अन्य कामों के लिए भूमि अधिग्रहण पर विशेष ध्यान दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *