न अनुमान की उड़ान, न श्रेय का चक्कर

निफ्टी-50 सूचकांक 20,000 पर पहुंचते-पहुंचते रह गया। हफ्ते-दो हफ्तें में वहां पहुंच सकता है। फिर दो-चार साल में 30,000 तक भी चला जाएगा। हमारी अर्थव्यवस्था अभी 3.32 लाख करोड़ या ट्रिलियन डॉलर की है। कुछ साल में 5 ट्रिलियन और फिर 10 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। कुछ साल में जर्मनी, जापान से आगे निकल तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। यह विकास की सहज स्वाभाविक गति है। उसी तरह जैसे बीस साल पहले 2003 में सोना 6000 रुपए का दस ग्राम था। अब पार चला गया है 61,000 के। जिस तरह सोने के दस गुना होने का श्रेय कोई नहीं लेता, उसी तरह अर्थव्यवस्था के बढ़ जाने या निफ्टी की छलांग का श्रेय किसी को नहीं जाता। मगर, झांसे की राजनीति इतनी कमीनी चीज़ है कि श्रेय न लें तो मसीहागीरी चिंदी-चिंदी बिखर जाती है। अब सोमवार का व्योम…

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