ट्रेडर भागते हैं तो निवेशक संभाल लेते हैं और निवेशक भागते हैं तो ट्रेडर आगे आ जाते हैं। शायद यही वजह है कि अपने यहां अक्टूबर 2021 से विदेशी पोर्टपोलियो निवेशकों के बराबर निकलते रहने के बावजूद शेयर बाज़ार धराशाई नहीं हुआ। भारतीय निवेशकों व ट्रेडरों में अभी तक कहीं न कहीं आस बची हुई है। अमूमन, जब हर तरह के निवेशकों व ट्रेडरों पर तेज़ी का सुरूर सवार हो जाता है, तब तेजी का नया दौर शुरू होता है। लेकिन अभी तो ऐसा है नहीं। वहीं, कुछ जानकार कहते है कि जिस तरह भोर के पहले अंधेरा सबसे ज्यादा गहरा होता है, उसी तरह शेयर बाज़ार में तेजी का नया दौर तब शुरू होगा, जब बाज़ार तलहटी पकड़ लेगा। ऐसा तभी होगा जब अधिकांश निवेशक मंदी की पस्ती में घिर जाएंगे। लेकिन अभी ऐसा भी नहीं है। अब बुधवार की बुद्धि…
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