हर कोई अपने में मशगूल है। अपनी भौतिक व मानसिक जरूरतों का सरंजाम जुटा रहा है। आप इसमें मदद कर सकें तो जरूर सुनेगा आपकी। लेकिन खुद नहीं। उसे बताना पड़ेगा कि आप उसके लिए क्या लेकर आए हैं।
2010-10-23
हर कोई अपने में मशगूल है। अपनी भौतिक व मानसिक जरूरतों का सरंजाम जुटा रहा है। आप इसमें मदद कर सकें तो जरूर सुनेगा आपकी। लेकिन खुद नहीं। उसे बताना पड़ेगा कि आप उसके लिए क्या लेकर आए हैं।
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