शायद आपको नहीं पता होगा कि संस्थाओं को भारत में इंट्रा-डे ट्रेडिंग करने की इजाज़त नहीं है। इसमें केवल व्यक्तिगत निवेशक ही भाग ले सकते हैं। यह कमाल की बात है क्योंकि शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा रिस्क है। व्यक्तिगत निवेशक सबसे ज्यादा भोले व अनजान होते हैं। फिर भी हमारी सरकार की तरफ से पूंजी बाज़ार के नियमन के लिए बनाई गई संस्था, सेबी ने केवल और केवल उन्हें ही शेयर बाज़ार के सबसे रिस्की माध्यम में झोंक रखा है। जहां निजी निवेशकों व ट्रेडरों की सबसे ज्यादा हिफाजत होनी चाहिए थी, वहीं उन्हें सबसे ज्यादा जोखिम भरी घाटी में धकेल दिया गया है। अब बुधवार की बुद्धि…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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