एक काम, जिसमें इस सरकार का कोई जोड़ नहीं, जिसमें उसने रिकॉर्ड बना दिया है, वो है टैक्स वसूली। इतना बेहताशा टैक्स आज तक आजाद भारत की किसी सरकार ने नहीं वसूला। पिछले कई सालों से व्यक्तिगत इनकम टैक्स से वसूली जा रही रकम कॉरपोरेट टैक्स से ज्यादा चल रही है। बीते वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स से ₹9,11,055 करोड़ हासिल किए, जबकि इनकम टैक्स से वसूली गई रकम ₹10,44,726 करोड़ रही। इससे साल भर पहले 2022-23 में सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स से ₹8,25,838 करोड़ जुटाए थे, जबकि व्यक्तिगत इनकम टैक्स से ₹8,33,260 करोड़ वसूल किए। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार से कॉरपोरेट टैक्स से ₹10,20,000 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है तो इनकम टैक्स से ₹11,87,000 करोड़। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून की तिमाही में वो इनकम टैक्स से ₹3.61 लाख करोड़ वसूल चुकी है जो ₹2.65 लाख करोड़ के कुल कॉरपोरेट टैक्स संग्रह से लगभग ₹1 लाख करोड़ ज्यादा है। आखिर सरकार कॉरपोरेट क्षेत्र पर इतनी मेहरबान और घटती कमाई वाले आम लोगों पर इतनी बेरहम क्यों है? इस समय आम लोगों को तो अंतिम संस्कार के अलावा नमक तक जैसी हर चीज़ व सेवा पर जीएसटी अलग से देना पड़ता है। अब सोमवार का व्योम…
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