प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लम्बी-लम्बी फेंकने में माहिर व जगजाहिर हैं तो उनकी सरकार आर्थिक विकास तक में हांकने की उस्ताद बनी हुई है। जब से मोदी सरकार ने देश की सत्ता संभाली है, तब से पेश किए गए 11 बजट में से तीन (2020-21, 2021-22 और 2022-23) को कोरोना महामारी से प्रभावित और एक (2016-17) को अपवाद मानकर छोड़ दें तो बाकी सात में उसने जीडीपी की नॉमिनल विकास दर का जो अनुमान लगाया था, वास्तविक या संशोधित नॉमिनल दर उससे कम निकली है। सरकार ने अपने 2014-15 के बजट में विकास की नॉमिनल दर का अनुमान 13.4% रखा था, वास्तवित दर 11% निकली। 2015-16 में 11.5% के मुकाबले 10.5%, 2017-18 में 11.75% के मुकाबले 11%, 2018-19 में 11.5% के मुकाबले 10.6%, 2019-20 में 12% के मुकाबले 6.4% और 2023-24 में 10.5% के मुकाबले वास्तविक दर 9.6% रही है। वहीं चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जुलाई के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10.5% की नॉमिनल विकास दर का अनुमान रखा था, जबकि पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक यह दर बहुत हुआ तो 9.7% ही रह सकती है। अब नए वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में भी उन्होंने जीडीपी की नॉमिनल विकास दर का अनुमान 10.1% रखा है। वास्तविक दर कहीं लगातार तीसरे साल 10% से कम रह गई तो? अब सोमवार का व्योम…
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