भारत में मध्यवर्ग ही है जो मॉल लेकर मल्टीप्लेक्स तक मेला लगाता है। इसी पर दुनिया के बड़े ब्रांड फोकस करते हैं। यही मध्यवर्ग है जिसका एक हिस्सा शेयर बाज़ार में निवेश व ट्रेडिंग करता है। आखिर यह वर्ग कितना बड़ा है और इसकी आबादी कितनी होगी? दो-तीन दशक पहले तक इसकी संख्या 15 से 25 करोड़ बताई जाती थी। अब तो यह संख्या 40 से 50 करोड़ कही जाने लगी है। लेकिन जानकार इस वर्ग की आबादी आज भी 20-25 करोड़ से कम बताते हैं। हालांकि सोशल मीडिया पर कहनेवाले तो यहां तक कहते हैं कि भारत में मध्यवर्ग 82% से घटते-घटते अब 14% पर आ गया है, जबकि निम्नवर्ग 16% से बढ़ते-बढ़ते 84% हो चुका है। वैसे, मध्यवर्ग 14% भी हुआ तो 142 करोड़ की आबादी में से 19.88 करोड़ निकलता है जो जानकारों के अनुमान के काफी करीब है। लेकिन सालाना कितनी आमदनी वाले को मध्यवर्ग में शामिल माना जाए? आठ लाख रुपए तक की कमाईवाला आर्थिक गरीब (ईडब्ल्यूएस) में गिना जाता है। अब मंगलवार की दृष्टि…
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