सिद्धांततः कंपनी के शेयरों के भाव उसके शुद्ध लाभ की भावी संभावित वृद्धि पर आधारित होते हैं। यह भी सच है कि आमतौर पर भारतीय निवेशक हर साल 15% ज्यादा शुद्ध लाभ कमानेवाली कंपनियों के शेयर प्रति शेयर मुनाफे (ईपीएस) से 20-22 गुना भाव या पी/ई अनुपात पर खरीदता रहा है। इस समय बाज़ार (निफ्टी) का पी/ई अनुपात 42 तक जा चुका है। शेयर का इतना गुना भाव तभी वाजिब है जब आगामी सालों में कंपनी का शुद्ध लाभ 30-35% सालाना बढ़ने की उम्मीद हो। तथास्तु में परखते हैं आज की कंपनी…
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