अगर अपना शेयर बाज़ार फटाफट चढ़े और निफ्टी-50 थोड़े समय में ही 20,000 अंक पर पहुंच जाए तो यकीनन ट्रेडरों को अपनी पोजिशन काटकर मुनाफा बटोर लेना चाहिए। असल में कम अवधि में निफ्टी के बढ़ने से कंपनियों की लाभप्रदता तो वही रहेगी और बाज़ार ज्यादा महंगा हो जाएगा। तब उसमें करेक्शन लाज़िमी हो जाएगा। लेकिन अगर बाज़ार लम्बे समय तक सीमित दायरे में चलता हुआ धीरे-धीरे बढ़ता है और तब निफ्टी 20,000 अंक तक पहुंचता है, तब करेक्शन की उतनी गुंजाइश नहीं रहेगी। तब दो चीजें हो सकती हैं। पहली यह कि बढ़ती मुद्रास्फीति निवेश के मूल्य को घटा दे। दूसरी यह कि कंपनियों का लाभ बढ़ जाए, जबकि शेयर फ्लैट बने रहें। तब कम पी/ई पर उनमें निवेश का अच्छा मौका मिल जाएगा। अब करते हैं शुक्रवार का अभ्यास…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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