फटाफट बढ़ा तो करेक्शन, अन्यथा नहीं

अगर अपना शेयर बाज़ार फटाफट चढ़े और निफ्टी-50 थोड़े समय में ही 20,000 अंक पर पहुंच जाए तो यकीनन ट्रेडरों को अपनी पोजिशन काटकर मुनाफा बटोर लेना चाहिए। असल में कम अवधि में निफ्टी के बढ़ने से कंपनियों की लाभप्रदता तो वही रहेगी और बाज़ार ज्यादा महंगा हो जाएगा। तब उसमें करेक्शन लाज़िमी हो जाएगा। लेकिन अगर बाज़ार लम्बे समय तक सीमित दायरे में चलता हुआ धीरे-धीरे बढ़ता है और तब निफ्टी 20,000 अंक तक पहुंचता है, तब करेक्शन की उतनी गुंजाइश नहीं रहेगी। तब दो चीजें हो सकती हैं। पहली यह कि बढ़ती मुद्रास्फीति निवेश के मूल्य को घटा दे। दूसरी यह कि कंपनियों का लाभ बढ़ जाए, जबकि शेयर फ्लैट बने रहें। तब कम पी/ई पर उनमें निवेश का अच्छा मौका मिल जाएगा। अब करते हैं शुक्रवार का अभ्यास…

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