गिरावट का इंतज़ार, बढ़ता बाज़ार

बाजार हमेशा चौंकाता रहता है। उसका यही स्वभाव है। हर कोई इस समय करेक्शन चाहता है। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। बाजार बढ़ता ही जा रहा है। करीब दो बजे तक मामला थोड़ा-बहुत ऊपर-नीचे चलता रहा। फिर उसके बाजार ने क्या छलांग लगाई। निफ्टी 5334.85 तक पहुंचने के बाद अंत में 1.06 फीसदी की बढ़त लेकर 5325.85 पर बंद हुआ। अब तो यही लगता है कि जब आप सोचते-सोचते थक जाएंगे, तब अचानक धूमधड़ाम करेक्शन हो जाएगा। टेक्निकल स्तर पर कहें तो अमेरिकी बाजार के सूचकांक डाउ जोंस में भी करेक्शन की बेला आ चुकी है।

अपने बाजार के बारे में मेरी साफ राय है कि यहां से और बढ़ने की गुंजाइश सीमित है। इसलिए लांग बने रहने का बहुत कोई मतलब नहीं है। अभी तो बिकवाली शुरू होने दीजिए और बाजार को तर्कसंगत स्तर पर आने दीजिए। तब हम मजबूती से फिर से एंट्री मारेंगे।

पी चिदंबरम का मसला बाजार के लिए बड़ा झटका हो सकता है। अगर कल, शनिवार को उनके खिलाफ कोई फैसला आता है तो बाजार ध्वस्त हो सकता है। अगर ऐसा नहीं होता, तब भी बाजार पहले बढ़ने के बाद फिर धड़ाम हो जाएगा। इसलिए जोखिम काहे को उठाया जाए!

मेरा कहना मानें तो अब लांग सौदों को काट डालें। कल परसों दो दिन सप्ताहांत की छुट्टियों का लुत्फ उठाएं। हम सोमवार को नई रणनीति का फैसला करेंगे।

दीनहीन, धैर्यवान, चालाक, सौम्य या सम्मानजनक होना, यह सारे गुण-दुर्गुण एक तरफ हैं। बहादुर इंसान के लिए पौरुषेय या स्त्रीवत होना भी कोई मायने नहीं रखता। उसका तो एक ही गुण है कि वह सहृदय होता है, दयालु व कृपालु होता है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)

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