बाज़ार चाहे चढ़े आकाश या डूबे रसातल

शेयर बाज़ार आशा और निराशा की अतियों के बीच झूलता है। अनिश्चितता के मौजूदा दौर में कुल लोग कह रहे हैं कि सेंसेक्स 1,50,000 तक चला जाएगा तो कुछ का मानना है कि वो 40,000 तक गिर सकता है। यह भी सच है कि बाज़ार को सामान्य या अनुमानित घटनाएं नहीं, बल्कि अचानक होनेवाला अचम्भा बड़ा झटका देता है। लेकिन अच्छी कंपनियों का धंधा बाज़ार को लगनेवाले झटके के बीच भी शांत व सहज गति से बढ़ता रहता है। हां, महंगाई ज्यादा रहने पर अक्सर अच्छी कंपनियों के स्टॉक्स तक खास नहीं रिटर्न देते। मसलन, 1994 से 2004 तक के दस साल में हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी मजबूत कंपनी का शेयर भी बमुश्किल बैंक डिपॉजिट जितना रिटर्न दे पाया था। अब तथास्तु में आज की कंपनी…

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