शेयर बाज़ार में जो भी ट्रेडर बाज़ार को प्रभावित करनेवाले कारकों पर नज़र और उनकी समझ रखता है, वह कभी खाली हाथ नहीं लौट सकता। उसे इस सत्य पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि ऐसा-ऐसा है तो वैसा-वैसा होगा और ऐसा-ऐसा नहीं है तो वैसा-वैसा नहीं होगा। यह देश-दुनिया, समाज व बाज़ार का अकाट्य नियम है। यह भी ध्यान रहे कि बाज़ार को कोई आसमानी या अदृश्य शक्तियां नहीं चलातीं। जो करते हैं इंसान ही करते हैं। यह दीगर बात है कि यहां सक्रिय इंसान-इंसान में फर्क है। किसी के पास अकूत धन है तो किसी के पास कम। किसी के पास दूसरों का धन है तो किसी के पास अपना। अब मंगलवार की दृष्टि…
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