शेयर बाज़ार के रुख को भांपनेवाला तीसरा अहम संकेतक है मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट (MWPL)। इसका भी वास्ता डेरिविटिव्स सेगमेंट से है। इसका डेटा हर दिन एनएसई की वेबसाइट पर डेली मार्केट रिपोर्ट्स के डेरिवेटिव्स वाले हिस्से में मिलता है। इससे पता चलता है कि सेबी और एनएसई ने जितने डेरिवेटिव एक्सपोज़र की इजाज़त दे रखी है, उसमें से बाज़ार ने कितना इस्तेमाल किया है। मान लीजिए कि किसी स्टॉक के फ्यूचर्स व ऑप्शंस में एक करोड़ लॉट लेने की इजाज़त मिल रखी है, लेकिन ट्रेडरों ने 50 लाख लॉट ही लिए हैं तो मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट 50% निकली। किसी दिन यह लिमिट या सीमा ज्यादा हुई तो इसका मतलब कि ट्रेडर ज्यादा रिस्क लेने को तैयार और कम हुई तो वे रिस्क से भाग रहे हैं। अब बुधवार की बुद्धि…
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