दुनिया की अर्थव्यवस्था में इस समय एकदम अलग तरह का बदलाव हो रहा है। वैश्विक कंपनियां अपने माल के लिए चीन से बाहर का कोई ठौर खोज रही हैं। इस मांग का छोटा-सा हिस्सा भी भारत को मिल गया तो हमारी बहुत सारी कंपनियों की चांदी हो सकती है। लेकिन इस अवसर का फायदा उठाने के लिए क्षमता बढ़ाने की ज़रूरत होगी और इसके लिए पूंजी निवेश चाहिए। पूंजी निवेश वही कंपनियां कर सकती हैं जिन पर ऋण का बोझ बेहद कम हो और कैश-फ्लो अच्छा हो। इधर अपने कॉरपोरेट क्षेत्र में क्षमता इस्तेमाल 68% से बढ़कर 74% हो गया है। साथ ही ऑटो, फार्मा, रसायन, सीमेंट, लॉजिस्टिक्स व अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में पूंजी निवेश भी बढ़ने लगा है। आज तथास्तु में फार्मा उद्योग की लगभग ऋण-मुक्त कंपनी…
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