मैं सही, तू भी सही

भावना बोली मैं सही। तर्क बोला मैं सही। भावना तर्क को उलाहना देती है कि तेरे रूखे-सूखे ज्ञान मार्ग से बाहर की दुनिया सधती है, अंदर की कलसती है। तर्क कहता है – तेरा भक्ति मार्ग सरासर मूर्खता है। तकरार जारी है।

1 Comment

  1. यही तकरार ही जीवन में गति बनाये रखती है।

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