किस्मत कनेक्शन

कभी-कभी, जिसे हम किस्मत कहते हैं, वह हमारा इंतजार उस नुक्कड़ पर कर रही होती है जिसकी तरफ हम झांकना बंद कर चुके होते हैं। इसलिए उससे मुलाकात के लिए बने-बनाए फ्रेम को तोड़ते रहना पड़ता है।

3 Comments

  1. फ्रेम तोड़ने के फार्मूले क्या 2 हैं:)

  2. भाग्य के प्रकट रूप को कर्म कहते हैं और कर्म के अप्रकट रूप को भाग्य कहते हैं। आपका जीवन आपके पराक्रम से ही बनता है, पराक्रम का महत्व भाग्य और कर्म के इस सम्बन्ध में सहज ही समझ आता है। अकर्मण्यता अपनाओगे तो भी भाग्य प्रकट हो कर कर्म के रूप में दिखाई देने लगेगा और पराक्रम अपनाओगे तो भी, चुनाव आपके हाथ में है।

  3. सच बात है, इसीलिये थोड़ा हटकर सोचना चाहिये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *