उधार लेकर निवेश, मगर रिस्क साधकर

दुनिया के अधिकांश शीर्ष निवेशकों ने दूसरों का धन निवेश करके रिटर्न कमाया। उनका प्रमुख माध्यम हेज फंड रहा। लेकिन राकेश झुनझुनवाला अपना ही धन गुना-दर-गुना करते रहे। आम लोगों के लिए उनकी सलाह यही रहती कि सीधे स्टॉक्स के बजाय म्यूचुअल फंड के जरिए शेयर बाज़ार में निवेश करो। लेकिन वे खुद जमकर रिस्क लेते थे। यहां तक कि उधार लेकर भी धन लगाते थे। वे भारतीय बाज़ार की तेज़ी को लेकर इतने आश्वस्त थे कि एक बार किसी ने उनसे पूछा कि बाज़ार में कितना निवेश कर रखा है। उनका जवाब था 130% यानी अपने धन के ऊपर 30% उधार लेकर। झुनझुनवाला 1992 में हर्षद मेहता के दौर में बाज़ार में सक्रिय थे। लेकिन हर्षद की जोड़तोड़ व चकाचौंध से दूर। अब गुरुवार की दशा-दिशा…

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